देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोपी को कल शाम गिरफ्तार किया गया लेकिन आज न्यूज चैनलों पर सुबह से PFIपर छापेमारी की ख़बर चल रही है,
देश का सबसे बडा बैंक घोटाला न्यूज़ चैनलों के लिए महत्वपूर्ण नही है उनके लिएPFI महत्वपूर्ण है
सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन
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अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक कंसोर्टियम को22,842करोड़ रुपये से अधिक का धोखा देने के आरोपमें मामला दर्ज किया था कल ऋषि कमलेश अग्रवाल की गिरफ्तारी कीगई है,यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ीका मामलाहै
एबीजी शिपयार्ड
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के मामले में मोदी सरकार साफ़ साफ़ झूठ बोलती रही, कि यह घोटाला यूपीए काल का है सच्चाई यह है कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया,जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है.
इस कंपनी का
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लोन2017में ही NPA हो गया था उसका मामला जानबूझकर पांच साल तक लटका कर रखा गया,
लोन देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम का नेतृत्व आईसीआईसीआई बैंक कर रहा था,लेकिन सीबीआई से शिकायत के लिए एसबीआई को आगे किया गया,जबकि एबीजी को दिए गए कुल लोन में आईसीआईसीआई बैंक का हिस्सा लगभग एक तिहाई है
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इसलिए कायदे से आईसीआईसीआई बैंक को रिपोर्ट दर्ज करानी थी लेकिन उसने एसबीआई को आगे कर दिया
इस देश में जब तक लोगो को ये समझ नही आएगा कि ऐसे आर्थिक घोटाले देश की आर्थिक प्रगति को पीछे धकेलने के सबसे बड़े कारक है ये किसी अन्य चीज से अधिक महत्वपूर्ण है तब तक कुछ हो नही सकता