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अपने यूपी वाले भैयाजी भी पता नहीं किस युनिवर्सिटी से पढ़कर आए हैं।आज विधानसभा सदन में उल्लू बन गये। हुआ यह कि भैयाजी बड़ी तैयारी से डेंट पेंट होकर विधानसभा में आये थे। लंबी नाक लाल टोपी में सजे बजे पहुंचे और तुरंत ही उत्तरप्रदेश की कथित स्वास्थ्य सेवा की बदहाली

पर बोलने के लिए उठ खड़े हुए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पूछा कि किस नियम के अनुसार चर्चा करना चाहते हैं?अता पता तो नियम का था नहीं सो अकबका गये। पीछे से मोर्चा संभाला सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय ने। कहा कि नियम 311 के तहत।महाना जी ने कहा कि जरा बताइए
कि नियम 311 क्या है? नेता जी ने कहा कि नियम मैं नहीं जानता। फिर महाना जी ने पांडेय से कहा कि आप ही बताइए। बेचारे पांडेय जी बगले झांकने लगे।इस पर महाना जी ने कहा कि कृपा करके नियम पढ़कर आया करिए। भैयाजी को इतना भी नहीं मालूम था कि नियम 311 का मतलब है कार्य स्थगन प्रस्ताव
जिसकी आवश्यकता ही नहीं थी।अंत में अध्यक्ष ने कहा कि कल नियम 56 की नोटिस देकर चर्चा कर सकते हैं। तुर्रा यह कि भैयाजी पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं।
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